उत्तराखंड में पहली पहाड़ी ट्रेन सेवा का सपना जल्द होगा साकार, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना अपने अंतिम चरण में
देहरादून/ उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में ट्रेन यात्रा करने का सपना अब जल्द ही हकीकत बनने जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण कार्य में तेजी आई है, और इस महत्वपूर्ण परियोजना की 90% सुरंगों का निर्माण पूरा हो चुका है। यह रेलवे प्रोजेक्ट उत्तराखंड के पर्यटन, तीर्थाटन और स्थानीय परिवहन को एक नई दिशा देगा, जिससे लाखों यात्रियों को लाभ मिलेगा।

🔹 ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
✔ 125 किमी लंबी रेल लाइन, जिसमें 105 किमी की 16 मुख्य सुरंगें और 98 किमी की 12 बचाव सुरंगें शामिल हैं।
✔ अब तक 94 किमी की 9 मुख्य सुरंगें और 88 किमी की 8 बचाव सुरंगों का निर्माण पूरा हो चुका है।
✔ इस रेल नेटवर्क से चारधाम यात्रा (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) को नई गति मिलेगी।

🌄 उत्तराखंड पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों तक पहुंचना आसान होगा। यह परियोजना न सिर्फ पर्यटन उद्योग को मजबूती देगी, बल्कि स्थानीय व्यवसायों और रोजगार के नए अवसर भी खोलेगी।
📢 गंगोत्री-यमुनोत्री रेल लाइन की मांग बढ़ी
उत्तराखंड में रेलवे कनेक्टिविटी को और बढ़ाने के लिए राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने गंगोत्री-यमुनोत्री रेलवे प्रोजेक्ट की मांग उठाई है। इस रेल मार्ग से क्षेत्रीय पर्यटन, व्यापार और फल-सब्जी उद्योग को मजबूती मिलेगी।

🚀 पीएम मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में तेजी से हो रहा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चारधाम रेल परियोजना के तहत ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर तेजी से काम चल रहा है। भविष्य में गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए भी ट्रेन सेवा शुरू होने की संभावना है, जिससे यह क्षेत्र और अधिक विकसित होगा।
🔍 उत्तराखंड रेलवे प्रोजेक्ट: आर्थिक और सामाजिक विकास की नई उम्मीद
✔ इस रेल परियोजना से उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में परिवहन सुविधा बेहतर होगी।
✔ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को अब कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।
✔ यह रेलवे लाइन स्थानीय लोगों के लिए भी राहत लेकर आएगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगी।
🚆 ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट उत्तराखंड के सपनों को पंख देने वाला एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। यह रेल मार्ग राज्य के पर्यटन, धार्मिक यात्राओं और व्यापारिक गतिविधियों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।