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Supreme Court: डीएमआरसी को कोर्ट से मिली बड़ी राहत, DAMEPL को नहीं करना होगा 8000 करोड़ रुपये का भुगतान

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की क्यूरेटिव याचिका (उपचारात्मक याचिका) को मंजूरी दे दी है। याचिका में डीएमआरसी ने सुप्रीम कोर्ट से अपने पूर्व के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। 

सुप्रीम कोर्ट ने डीएमआरसी को बड़ी राहत दी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को माना कि डीएमआरसी, दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को 8000 करोड़ रुपये देने के लिए बाध्य नहीं है और डीएमआरसी की याचिका मंजूर कर ली। दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड, अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म की कंपनी है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने फरवरी में इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

क्या है मामला
याचिका में डीएमआरसी ने सुप्रीम कोर्ट से अपने पूर्व के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की। डीएमआरसी की याचिका में DAMEPL को 8 हजार करोड़ रुपये के भुगतान के आदेश को चुनौती दी गई थी। अनिल अंबानी की कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लिमिटेड द्वारा दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन का संचालन किया जाता था, लेकिन साल 2013 में विभिन्न कारणों से डीएमआरसी ने तय समय से पहले ही कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया था। साथ ही डीएमआरसी ने कंपनी को समाप्ति शुल्क का भुगतान भी नहीं किया था। इसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लिमिटेड ने डीएमआरसी के फैसले का विरोध किया और दोनों पक्षों में कानूनी लड़ाई शुरू हो गई। विवाद को साल 2017 में मध्यस्थता के लिए भेजा गया, जिसमें ट्रिब्यूनल ने अंबानी की कंपनी डीएएमईपीएल के पक्ष में फैसला सुनाया और डीएमआरसी को कंपनी को मध्यस्थता पुरस्कार देने का आदेश दिया। अब यह राशि ब्याज समेत करीब आठ हजार करोड़ हो चुकी है।