22 साल पुराने विवाद का समापन कब होगा: पुष्कर सिंह धामी और UP सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार इंतजार में
पुष्कर सिंह धामी और योगी आदित्यनाथ सरकारों को आशा है: 22 साल के विवाद का निर्णय जल्दी होगा
यूपी-UP सीएम योगी आदित्यनाथ, और उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार को अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। यूपी-उत्तराखंड के बीच पिछले 22 साल से मामला निलंबित है। हालांकि, इस मामले पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच बीते मार्च में उच्चस्तरीय बैठक के बाद संयुक्त सर्वे हो चुका है।
दोनों सरकारों की ओर से कई बार बैठकों का दौर भी चला, लेकिन मामले का हल नहीं निकल पाया है। सूत्रों की बात मानें तो यूपी सीएएम योगी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के अफसरों की जल्द बैठक भी होगी। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मामले का जल्द ही हल निकाल लिया जाएगा।
उत्तराखंड को सिंचाई विभाग की 660 हेक्टेयर जमीन और 565 भवनों पर मालिकाना अधिकार पाने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के बीच बीते मार्च में उच्चस्तरीय बैठक के बाद संयुक्त सर्वे हो चुका है। इसके बाद भी उत्तर प्रदेश की ओर से उक्त संपत्तियां उत्तराखंड को देने के लिए अब तक विधिवत आदेश नहीं किया है।
सिंचाई सचिव हरिचंद सेमवाल के अनुसार इस संबंध में यूपी सरकार को पत्र भेजा है। सिंचाई विभाग के साथ संपत्ति बंटवारे का विवाद बीते 22 साल से चला आ रहा है। कई मर्तबा बैठक के बावजूद समाधान नहीं निकलने पर इस साल नौ मार्च को दोनों राज्यों की उच्चस्तरीय बैठक हुई थी।
इसमें दोनों राज्य संयुक्त सर्वे कर संपत्तियों के बंटवारेपर राजी हो गए थे। सूत्रों के अनुसार, सर्वे में हरिद्वार में 615.836 हेक्टेयर, चंपावत में 31.889 हेक्टेयर व यूएसनगर में 12.457 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की गई। इसके साथ ही हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जनपद में स्थित 576 भवनों को उत्तराखंड को देने पर सहमति बन चुकी है।
चंपावत के भवनों पर अभी सहमति बनना बाकी है। उत्तराखंड कई महीने से यूपी के फैसले का इंतजार कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऊधमसिंहनगर के धौरा, बैगुल, नानकसागर जलाशय में पर्यटन और वाटर स्पोट्र्स के भी सशर्त अनुमति मिल पाई है।
यह है मामला
-615.836 हेक्टेयर जमीन हरिद्वार में, 31.889 हेक्टेयर चंपावत में और 12.457 हेक्टेयर भूमि यूएसनगर में चिह्नित की गई थी सर्वे के दौरान
-576भवन जो हरिद्वार-यूएसनगर में स्थित हैं, उन्हें उत्तराखंड को देने पर बन चुकी सहमति जबकि चंपावत के भवनों को लेकर सहमति बनना शेष है