हिन्दी उत्थान में अग्रणी प्रो. प्रभात कुमार हुए सम्मानित
हरिद्वार। हिन्दी प्रोत्साहन समिति द्वारा गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के प्राच्य विद्या संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. प्रभात कुमार को हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और उत्थान में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समिति के पदाधिकारियों और शिक्षा जगत की प्रमुख हस्तियों ने हिन्दी को वैज्ञानिक और वैदिक विषयों से जोड़ने की दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
सम्मान प्राप्त करने के पश्चात प्रो. प्रभात कुमार ने कहा, “विद्यालयी शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक मैंने हिन्दी को केंद्र में रखकर कार्य किया है। समविश्वविद्यालय में हिन्दी को प्राथमिकता देना स्वामी श्रद्धानन्द महाराज की दूरदृष्टि का परिणाम है। उन्होंने स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करने हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।”
प्रो. कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में न केवल साहित्यिक अपितु वैज्ञानिक विषयों की भी हिन्दी माध्यम में शिक्षा दी जा रही है। “वैदिक प्रबंधन, वैदिक भौतिकी, वैदिक रसायन और वैदिक प्रौद्योगिकी जैसे पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक और पारंपरिक ज्ञान का समन्वय प्रदान किया जा रहा है,” उन्होंने कहा।
समिति के प्रदेश अध्यक्ष डा. पंकज कौशिक ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों का स्मरण करते हुए कहा कि इन्द्र वाचस्पति, सत्यव्रत सिद्धान्तालंकार, प्रो. महावीर अग्रवाल, वेद प्रकाश शास्त्री जैसे विद्वानों ने न केवल विश्वविद्यालय बल्कि सम्पूर्ण भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है।
समिति के महामंत्री कुलभूषण शर्मा ने कहा कि समिति का उद्देश्य राष्ट्रभाषा हिन्दी को जनसामान्य तक पहुंचाकर उसे दैनिक जीवन और कार्यालयी कार्यों की प्रमुख भाषा बनाना है। वहीं कोषाध्यक्ष हेमन्त सिंह नेगी ने आमजन से अपील की कि वे हिन्दी के अधिकतम प्रयोग से इसे और अधिक सशक्त बनाएं। उन्होंने कहा, “संस्था निरंतर प्रयासरत है कि हिन्दी का प्रयोग व्यवहारिक जीवन में स्वाभाविक रूप से बढ़े।”
यह सम्मान समारोह हिन्दी के प्रति समाज और शिक्षा संस्थानों की प्रतिबद्धता का प्रतीक बना, जिससे यह संदेश गया कि हिन्दी केवल भाषा नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान और राष्ट्र निर्माण की एक सशक्त कड़ी है।