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पुलिस को तकनीकी और प्रशिक्षित माध्यमों से अद्यतित रूप से तैयार रहने की आवश्यकता है।

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने एफ.आर.आई देहरादून में केन्द्रीय सहकारिता गृह मंत्री श्री अमित शाह का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस की मेजबानी करने का गर्व है। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आगामी 25 वर्षों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके लिए प्रगति करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में अपराध और अपराधी पारंपरिक प्रणालियों से आगे बढ़ गए हैं, संगठित अपराध बढ़ रहे हैं, और साइबर क्राइम के मामलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नवाचारिक तकनीक का इस्तेमाल अपराधियों ने बढ़ा दिया है। इसके लिए पुलिस बल को तकनीकी और मानसिक क्षमता के साथ उन्नत तकनीकी और सशक्त माध्यमों से सुसज्जित रहने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बारे में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को तकनीकी सहायता प्रदान करने का प्रयास भी जारी है।

मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस पुलिस कांग्रेस में व्यापक विचार-विमर्श और महत्वपूर्ण चर्चाओं के माध्यम से पुलिसिंग और आंतरिक सुरक्षा के अलावा साइबर सुरक्षा और डेटा चोरी की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस ने साइबर अपराध की रिपोर्टिंग के लिए ई-सुविधा का शुरू किया है, मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए उन्होंने उपाय किए हैं, और जनता को सचेत करने के लिए जागरूकता अभियानों का संचालन भी किया है।

उत्तराखण्ड पुलिस ने विभिन्न एप्लिकेशन्स लांच किए हैं, जिनके माध्यम से पुलिसिंग की व्यवस्था को प्रभावी बनाया गया है। इस अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है ‘भिक्षा नहीं शिक्षा दें’ का मोटो, जिसके तहत बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए कचरा इकट्ठा करने वाले बच्चों की पहचान की जाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री ने पिछली बैठक में आतंकवाद पर प्रहार करने का आह्वान करते हुए राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा नीति बनाए जाने की बात कही थी। उनके नेतृत्व में आज देश में आतंकवाद का सफाया हो रहा है।  मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सुझाव दिया कि वनों की सुरक्षा में लगे वन कर्मियों को भी अत्याधुनिक शस्त्र चलाने तथा अर्द्धसैनिक बलों की भांति प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए पुलिस को और अधिक आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित करना होगा।

मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि आवश्यक नई तकनीकों के संबंध में भी इस कांग्रेस में विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाज के प्रबुद्ध वर्ग को अपने साथ जोड़कर समय-समय पर राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा हेतु सुझावों का आदान-प्रदान करने की भी आवश्यकता है। इसके अंतर्गत कम्यूनिटी आउटरीच कार्यक्रम द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्रीय हितों हेतु कार्य करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को चिन्हित कर उनका सहयोग प्राप्त करने का प्रयास किया है, जिस प्रयास में हमें सफलता भी प्राप्त हो रही है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, श्री सौरभ बहुगुणा, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, श्रीमती माला राज्य लक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद श्रीमती कल्पना सैनी, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायकगण, सचिव गृह, भारत सरकार श्री अजय कुमार भल्ला, उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव गृह श्रीमती राधा रतूड़ी, महानिदेशक पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो श्री बालाजी श्रीवास्तव, उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार एवं विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।