725 मीटर लंबा यह पुल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन गया
देहरादून, । टिहरी झील पर निर्मित एशिया का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज डोबरा-चांठी इन दिनों चारधाम यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन गया है। विशेष रूप से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम से लौटते समय यात्री इस पुल पर रुककर इसकी भव्यता का आनंद ले रहे हैं और सेल्फी लेकर अपनी यात्रा की यादों को संजो रहे हैं।
शाम के समय पुल पर लगी आधुनिक मल्टीकलर लाइटिंग इसकी सुंदरता को और बढ़ा देती है। रंग-बिरंगी रोशनी से दमकता यह पुल रात के समय दिल्ली के इंडिया गेट और सिग्नेचर ब्रिज की तरह नजर आता है। इसकी रोशनी कई किलोमीटर दूर नई टिहरी और प्रतापनगर से भी आकर्षक दिखाई देती है। समुद्र तल से लगभग 850 मीटर की ऊंचाई पर स्थित 725 मीटर लंबा यह पुल वर्ष 2020 में जनता को समर्पित किया गया था। इसके निर्माण से प्रतापनगर और नई टिहरी के बीच की दूरी कम हुई है और यह क्षेत्र एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है।
महाराष्ट्र से आए चारधाम यात्रियों ने बताया कि धामों की यात्रा के बाद वे टिहरी डैम देखने आए थे। उन्होंने कहा कि टिहरी झील का प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत है और डोबरा-चांठी पुल ने इस खूबसूरती को और निखार दिया है। पुल बनने के बाद से यहां आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु सेल्फी व तस्वीरों के माध्यम से अपनी सुनहरी यादें साथ ले जाते हैं। पुल से न केवल यातायात में सहूलियत हुई है, बल्कि यह अब पर्यटन के लिहाज से भी लोकप्रिय स्थल बन गया है।
शादी के मौके पर भी पुल आकर्षण का केंद्र बन रहा है। हाल ही में बारात लेकर जा रहे ऋषभ खत्री ने डोबरा-चांठी पुल पर अपने परिवार के साथ फोटोशूट करवाया। ऋषभ ने बताया कि कुछ यादें जीवन भर साथ रहती हैं। उन्होंने पुल के ऊपर एक फिल्मी गाने पर रेल बनाकर वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिससे उन्हें ढेरों लाइक और व्यूज मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि डोबरा-चांठी पुल सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हो चुका है। इस प्रकार डोबरा-चांठी पुल न केवल एक इंजीनियरिंग की उपलब्धि है, बल्कि यह टिहरी क्षेत्र में पर्यटन के नए आयाम स्थापित कर रहा है।
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